Sattantaran: Bharat Ki Azadi Ka Swarnim Savera (सत्तांतरण भा&#235, ISBN: 9789356842250
Sattantaran: Bharat Ki Azadi Ka Swarnim Savera (सत्तांतरण भाë
  • By (author) Chaturvedi Satish

Available for Order

HKD $195.00

within 14 to 24 business days
Brief Description

1000 वर्षों की दर्दनाक गुलामी और कष्टदायक अपमान की गाथा में गोते लगाता हुआ भारत, जिसके पास संसाधनों और धन की कमी नहीं थी। अंततः वह अपने अंतिम आक्रमणकारी शक्तिशाली ब्रिटिश शासकों के चंगुल से वीरतापूर्वक मुक्त हो गया ।
हजारों वर्षों तक विदेशी शासन के अधीन रहने के बावजूद भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर और सभ्यता की विशिष्टता कायम रही । भारतीय नेताओं के मध्य राजनीतिक भागीदारी इतनी प्रगाढ़ थी कि उसने ब्रिटिश नेताओं की चालाकी व कूटनीति को हर पहलू में मात दी।
विंस्टन चर्चिल भारत को अपना स्थाई गुलाम बनाए रखे रहना चाहता था। भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता देना उसके लिए एक शर्मनाक हार सदृश्य थी। लेकिन भारतीय नेताओं के मजबूत रातनीतिक कौशल एवं मजबूत इरादों ने स्वतंत्रता हासिल कर ब्रिटिशों को करारी हार दी । बैरिस्टर जिन्ना ने इस स्वतंत्रता के मार्ग में अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न की व भारत की अखंडता को खंडित कर विभाजन का कारण बने । ब्रिटिशों ने भारत को इस आशा के साथ दो अलग-अलग राष्ट्रों में विभाजित कर दिया ताकि वे भारत के उन नाजुक राज्यों पर पुनः आक्रमण कर उन राष्ट्रों के मध्य स्थाई दुश्मनी उत्पन्न कर दें तथा वे उन पर पुनः राज कर सकें ।
महात्मा गांधी ने अपनी अंतिम सांस तक हिंदू-मुस्लिम एकता और अविभाजित भारत के लिए संघर्ष किया । अहिंसा, सार्वभौमिक भाइचारे की भावना और सहिष्णुता के लिए उनके आदर्श एवं उपदेश आधुनिक दुनिया की वर्तमान समस्याओं के लिए सार्वभौमिक सत्य और रामबाण दवा बन गए ।
show more


Book Details
Publisher:
Alpha Ed
Binding:
Paperback
Date of Pub.:
Dec 17, 2022
Edition:
-
Language:
-
ISBN:
9789356842250
Dimensions:
-
Weights:
439.98g
Contact Us
Contact Person
Ms. Annie Chau
Email Address
annie.chau@apbookshop.com
Fax No.
+852 2391-7430
Office Hours
Mon to Fri: 9am to 6pm
Sat, Sun and Public Holidays: Closed
General Enquiry
Sattantaran: Bharat Ki Azadi Ka Swarnim Savera (सत्तांतरण भा&#235, ISBN: 9789356842250  
This site use cookies. By continuing to browse this site you are agreeing to our use of cookies.