मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम आदर्श पुरुष थे। उनमें सभी मानवीय गुण थे। श्रीराम आज्ञाकारी पुत्र थे, स्नेहिल भ्राता थे, पूजनीय पति थे, प्रिय मित्र थे और भक्तजनों के परम हितैषी थे। उनका जीवन मानव मात्र के लिए अनुकरणीय और प्रेरक हैं उन्होंने कभी भी अधर्म का सहारा नहीं लिया। सत्य, न्याय और धर्म में उनकी परम आस्था थी। उन्होंने हमेशा दीनदुखियों की सहायता की, अत्याचारी का दमन किया और झूठ व अन्याय का आजीवन प्रतिरोध किया। तभी तो उनके राज्य में सुख-शान्ति थी और आज भी 'राम-राज्य' स्थापित करने के लिए प्रत्येक देश की जनता लालायित है।
सच तो यह है कि उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। यहां प्रस्तुत है गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित युगपुरुष मानवता-प्रेमी श्रीराम की अनुपम गाथा-रोचक औपन्यासिक शैली में।
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